Tuesday, September 12, 2023

G20 पर विशेष चर्चा बिल्लीमारान पकौड़े की दुकान से लेकर अंतहीन सड़क तक

देश में कुछ तथाकथित लोगो को बहुत दुखी और आहत होना पड़ रहा है वो रोज होते है अपने चेले चपाटो के साथ। सबसे ज्यादा हताश निराश कोई दिखता है तो वो दो लोग है एक बिल्लीमारान में पकौड़ा बेचने वाला दूसरा अपने चैनल का काली स्क्रीन करके "कौन जात हो?" पूछने वाला .. एक नेता है जिसको सब टीपू कहते है लेकिन असल में वो औरंगजेब है। ये अपने बाप का इज्जत नही किया तो देश का क्या करेगा? इसके विदेश जाकर पढ़ लेने को ही कुछ उपलब्धि मानते है। ये G20 में G का मतलब घोसी निकाल रहे है ! अरे भिया आप घोसी में ही घुसे रहिए बाकी शासन प्रशासन ने पिछवाड़े में बांस घुसा ही रखा है। अखबारों की रिपोर्टिंग को लेकर बिल्लीमारान पकौड़े वाला आजकल ज्यादा ही ज्ञान झाड़ रहा है दुसरो को दो रुपए वाला बोलता है और अपने खुद सड़ा हुआ बेसन बांसी तिरासी उबला हुआ आलू इस्तेमाल करता है पकौड़े बनाने में और जिन अखबारों को गारिया रहा है वही इसकी पोल खोलते है । जब गरमा गरम छानकर रखता है इन बेकार अखबारों पे तो जापानी तेल महकता है कितने लोग तो पकौड़े खाने के बाद पेपर को अपने घर लेकर जाते है अब क्या करते है इसकी तहकीकात तो कोई खोजी पत्रकार ही कर सकता है, जैसे फैक्ट चेकर चिड़िया घर का मीठा भालू अपने विशेष स्थान में उस तेल को लगाकर बता देगा की ये आदानी का तेल है या जापानी का। 

सूत्रों के हवाले से खबर मिली है एक नया नया मीडिया एनालिस्ट आया है खबरों के बाजार में। जो तमाम टीवी चैनलों का विश्लेषण करता है वीडियो बना बनाकर लेकिन ये अंतहीन सड़क वाला खुद जब चैनल चलाता था तो स्क्रीन काली कर देता था और कहता है अंधेरा ही आज की सच्चाई है।अरे चचा सब जानते हैं अंधेरे की आड़ लेकर आप कौन सा किरांती कर रहे थे.... खैर पप्पू विदेश गया हुआ है इसके चमचे तस्वीर डालकर इसको पीएम बना रहे है। अरे चमचों सोना चांदी के बर्तन में खाना क्या सिर्फ पप्पू ही खा सकता है? विदेशी राष्ट्र अध्यक्षों को क्या दोना पत्तल में ,नीचे बोड़ीया बिछाकर खाना खिलाना चाहिए था..! एक पेचकस वाला इंजीनियर है ईवीएम का शोषण कर दिया था उसका कहना है G 20 से हासिल क्या होगा? अबे पेंचकस गुरु खुजलीवाल अपना पिछवाड़ा खजुआता रहता है तुम्हारे से, तुमको कौन सा चर्म सुख हासिल हुआ? 

कुछ लोगो का कुत्तापना विदेशो तक दिखा। अब क्या ही बोलूं किसी ने कहा है "आसाँ नही है कुत्ता हो जाना भी..... 
आवारा हो तो खाने पीने और अपना इलाका बचाए रखने की जद्दोजहद...... पालतू हो तो देखभाल करने वालों को खुश रखने के लिए आड़े टेढ़े करतब दिखाते रहने पड़ते हैं..." लेकिन अब आवारा कुत्तों को भी खुलकर सम्मान मिलने लगा है। वैसे इसमें तो कोई नई बात तो नही है पहले भी मिलता रहा है लेकिन अब खुलेआम दिया जाने लगा है।नोचने चोथने का काम जारी है आप डंडा तैयार रखे रहिए कब झपट्टा मारेंगे पता न चलेगा। कही- कही पर तख्ती पर लिखा होता है शराबी कुत्ते से सावधान ! पलटू चचा का कहना है हमारे राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है। कुत्तों के शराब पीने का सवाल ही नही उठता है हा एक बार चूहवा सब जरूर पी गया था नौ लाख का दारू। अरे चचा सस्ता नशा करने वालो का क्या उखाड़ लोगे? अभी भेष बदलकर सुदर्शन चक्र और त्रिशूल चला देगा ठंडा जाओगे...

बाकी G 20 ना हुआ टी 20 हो गया जो छपरियो की तरह भाय - भाय हल्ला मचाये हुए है सब।

(नोट: दुखी और आहत होने का अधिकार केवल बुढ़ऊ पत्रकार को है बाकी सब से घंटा से फर्क नही पड़ता )

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