Friday, February 24, 2023

मेरी दुनिया हो तुम

लिखकर कविताएं मैंने
 तुम्हारी यादों को संजोया है
क्या फर्क पड़ता है
दुनिया कुछ भी सोचे
मैने क्या खोया क्या पाया है..!
बनने दो तमाशा मेरा 
दुनिया के सामने
मैने जब भी आंखे खोली
सिर्फ तुमको पाया है 
ओह! मेरी दुनिया तो तुम हो..!
साहित्य की काल्पनिक 
दुनिया बन चुकी हो,
भले सौ कोस दूर जा चुकीं हो..!!

©शिवम

No comments:

Post a Comment