उसी से मेरा दिल दुखा
हर कोई महादेव नहीं होता है न
जो असुरों को भी वरदान दे
लेकिन यार मुझे तो ईश्वर शब्द से ही नफरत था
मैं तो एक घनघोर नास्तिक था...
जिंदगी से हारा
झूठी उम्मीदों का लिया सहारा
उसने भी कर लिया किनारा
उसका आगमन
मेरा दमन
करने आया था..
जीने की वजह बनकर
मुझे बीच अंधेरे में
चला गया अकेला छोड़कर
हा, वही कमबख्त है जिसे
मैंने अपना खुदा माना था....!
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