खंडहरो में धरोहरों को समेटे
कई मंदिर पड़े है टूटे फूटे
पूर्वजों की विरासत
आने वाली पीढ़ियों के ऊपर है निर्भर
कहा तक संभाल पाती है और
कहा तक पुनः स्थापित कर पाती है?
आज भी ना जाने कितने ही खंडहर
पड़े देवी देवताओं की
पवित्र स्थलि बाट जोह रही है
आएगा उनका सनातनी पुत्र
उनका उद्धार करेगा ..!
कलयुग में आवतर ना लेने का प्रण ही
तो बतला रहा है कौन है दानव
जो कर रहा दमन और
जो रक्षा कर रहा है वो
है सनातन..!
कहानी पुरुषार्थ की
यूंही नही लिखी जाती है
करने पड़ते है अनगिनत त्याग
तपना पड़ता है तपस्या में ...
तब जाकर कही धर्म की स्थापना होती है ,
वीर पुत्र रक्त बहाकर देते है बलिदान
तब कही जाकर एक अखंड राष्ट्र की
स्थापना होती है..!
©शिवम
No comments:
Post a Comment