चाहे रणभूमि में हो या
मन के भीतर
हथियारों का युद्ध हो या
विचारों का युद्ध..
ईश्वर ने लिया अवतार
वक्त के हिसाब से
कभी कृष्ण तो कभी बुद्ध...
आवश्यकता हुई तो
सुदर्शन चक्र चला
असुरों का संहार किया...
जब देखा मनुष्य विचलित हो रहे है
तब धर्म चक्र चला
संसार का उपकार किया..
एक दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है
तो दूसरा प्रगति और जीवन का प्रतीक है...!!
©शिवम
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