Wednesday, July 6, 2022

जीवन के सफर में

जीवन के सफर में बहुत कुछ
 न चाहते हुए भी त्यागना पड़ता है, 
मन को मारकर थीर करना पड़ता है...।
असंभव कुछ भी नही है दुनिया में 
पर प्रकृति के कुछ नियम है 
इसमें बंध कर चलना पड़ता है.....।
 होगा पुनर्जन्म मानता हु
 पर इस जन्म तमाम झंझावतों से 
होकर गुजरना पड़ता है......!
ये "पर" पर कुतर देता है उड़ती हुई चिड़िया का 
पर अंधेरों में कौन उड़ान भरता है..!

©शिवम 

1 comment:

  1. मुझे सबसे गहरी लगी ये पंक्ति कि “ये पर पर कुतर देता है उड़ती हुई चिड़िया का” – बिल्कुल सही लिखा है, हालात अक्सर सपनों को तोड़ते हैं। लेकिन यही मुश्किलें हमें मजबूत भी बनाती हैं। अंधेरे में उड़ान आसान नहीं, पर हिम्मत करने वाले ही रोशनी तक पहुँचते हैं।

    ReplyDelete