आपने बहुत खूबसूरती से उस हालत को पकड़ा है जब यादें हमें बार-बार घेर लेती हैं और वर्तमान हाथ से फिसलता सा लगता है। मुझे अच्छा लगा कि तुमने सिर्फ उदासी नहीं दिखाई, बल्कि रोशनी की तरफ बढ़ने की चाह भी लिखी।
आपने बहुत खूबसूरती से उस हालत को पकड़ा है जब यादें हमें बार-बार घेर लेती हैं और वर्तमान हाथ से फिसलता सा लगता है। मुझे अच्छा लगा कि तुमने सिर्फ उदासी नहीं दिखाई, बल्कि रोशनी की तरफ बढ़ने की चाह भी लिखी।
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