Saturday, August 16, 2025

जिन्ना, वोट चोरी के आरोप और भारत का विभाजन

1937 के बाद जिन्ना को विश्वास हो चला था उसका उस समय की कांग्रेस के रहते सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना मुश्किल है, उसकी महत्वकांक्षाएं पूरी नहीं हो सकती है, इसलिए बिना पाकिस्तान बनाए उसका Ego संतुष्ट होगा नहीं। और सत्ता के लिए जिन्ना ने पाकिस्तान बनाने की कवायद और तेज कर दी। अब होते हैं 1945-46 के केंद्रीय चुनाव, यहां भी कांग्रेस को ज्यादातर राज्यों में बहुत प्राप्त होता है और कांग्रेस को 102 व मुस्लिम लीग को 30 सीटें मिलती है।

अब चूंकि 30 सीटों के साथ मुस्लिम लीग पार्टी और जिन्ना का सत्ता में आने का सपना पूरा नहीं होता सकता था इसलिए उन्होंने उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत, बिहार व बंगाल में तथाकथित रूप से उस समय कि कांग्रेस पर प्रशासन की मदद से "मतदाता सूची में बदलाव, सरकारी अफसरों के पक्षपात और तथाकथित रूप से वोट चोरी" के आरोप लगाए। लीन ने समुदाय विशेष से कहां कि 'आपका वोट अभी सुरक्षित नहीं है तो आगे क्या होगा' और अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया।

जिन्ना ने 17 जनवरी 1946 को भाषण दिया और "Glancy-Khizar Axis" (सरकार व उस समय के प्रशासन/संवैधानिक संस्थाओं जैसा कुछ का गठजोड़) की निंदा की, प्रशासन द्वारा लीग की चुनावी गतिविधियों में अवैध हस्तक्षेप का आरोप लगाया और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ाया।

इन्हीं सब घटनाओं ने आगे चलकर "डायरेक्ट एक्शन डे" जिसमें हजारों भारतीय मारे गए व गृहयुद्ध जैसी कंडिशन बन गई के होने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, पाकिस्तान की मांग को और तेज कर दिया व अंततः भारत का विभाजन होकर पाकिस्तान बना और जिन्ना के सांप्रदायिक ईगो को संतुष्टि मिली।

खैर, वो समय दूसरा था ये समय दूसरा हैं। किरदारों व दलों के नाम बदल चुके हैं, लेकिन भावनाएं अभी भी वो ही है। लेकिन बढ़िया बात ये है कि अब हमारे पास इतिहास से मिले सबक है इसलिए हमें "इतिहास को स्वयं को दोहराने" से रोकना होगा। हां, मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं। किसी egoistic व सत्ता को अपनी वंशानुगत जागीर समझाने वाले के लिए फिर से भारत को खंडित नहीं होने दिया जा सकता है।
Peace 🕊️ 

~पुष्पराज आर्या 

Sunday, August 3, 2025

वोट के लिए बीवी और देश बेचते नेता

ईश्वर देख रहा है चारों तरफ अंधकार फैला हुआ है।
देश में वोट के लिए देश बेचते तो बहुत से नेता देखे लेकिन बीवी का सौदा करने वाला नेता पहली बार देखा है। नेता अपनी मां और बीवी को गल्ले पर बैठा देते हैं वोट पाने के लिए। कोई मौलवी नंगी बोलता है तो कोई मुस्लिम नेता अंतःवस्त देखता है पर नपुसंक नेता प्रेम और सौहार्द देखेगा। वाह नेताजी वाह क्या सोच है आपकी .. अपनी अर्द्धांगिनी को परोसने में नहीं हिचकेंगे ये कल को।
इस्लामिक आतंकवादी पतलून खोलकर गोली मारते हैं क्योंकि हिंदुओं का निजी अंग भंग नहीं होता अर्थात कटा नहीं होता है मुस्लिमों की तरह। कुछ लोग इस बात को छिपाकर आसानी से बकते हैं कि भारतीय देखकर गोली मारा..!
फिल्मी अभिनेता अभिनय करते हुए उंगलियों को पत्थर से कूचकर कहता है "देख ये तेरा खून ये मेरा खून अब बोल कौन सा खून मुस्लिम का है कौन सा हिंदू का है"
 अबे मियां मारने वाला पैंट खोलता है निजी अंग पर कटा निशान देखता है । बकवास करना बंद करो खून को लेकर.. सभी का खून शामिल है इस मिट्टी में बोलने वालों ये हिंदुओं के बाप दादा पूर्वजों का हिन्दुस्थान है.. तुम भारत माता की जय नहीं बोल सकते छाती में दांत गड़ाए बैठें हो वो अलग।
"इनका हिसाब चुकाते चुकाते हम खाक हो  जाएंगे" ब्रिगेडियर प्रताप के शब्दों में कुछ तो दम है। पर वातानुकूलित कमरे में बैठकर नीतियां निर्धारित करने वालों को इससे क्या लेना देना है।
 किसी को फर्क नहीं पड़ता है कौन मरता है। हजारो लोगों का नरसंहार हो चुका है पैंट खोलकर फ़िर ये कहते हैं सब भारतीय थे.. अरे चुप रहो ऐसी बकवासे सुनकर कान से खून निकलने लग जाता है। खून से याद आया इन लोगो का खून ही है न कि पानी बहता है रगो में?
बंद करो शांति और अमन की आशा वाली भाषा। भेड़िया को गाजर खिलाने से वो शाकाहारी नहीं हो जाता है वो मारकर खरगोश ही खाएगा। उसकी प्रवृत्ति ऐसी है वो खून ही पियेगा।
 कोई ये कह रहा था कि दादी से नाक मिलती है तो कटर हिन्दू शेरनी है । वो भारत को एक हिन्दू राष्ट्र समझती है इसलिए उन्होंने मारे गए लोगों को हिन्दू ना बताकर केवल भारतीय बताया, इनके लिए हिन्दू और भारतीय पर्यायवाची है। जो कि हमारे लिए भी होने चाहिए, सभी भारतीय हिन्दू ही है। सबका DNA हिन्दू है। इनकी इस वैज्ञानिक सोच व दार्शनिकता के लिए उनको मेरे वार्ड का पाषर्द बनाया जाना चाहिए।
बस भैया ये बताओ पैंट खोलकर कैसे पता चलेगा कि आप भारतीय हो?
... वो भारतीय भारतीय कर रही है अपने को बुद्धिजीवी दिखाने के लिए उसकी जिस दादी से नाक मिलती है उसी दादी के राज में उसी नाक के नीचे से खालिस्तानियों ने धर्म पूछकर बस से उतारकर और छात्रवासो में घुसकर गोली मारी थी हिंदुओं को।
बात यहां तक नहीं बढ़ती पर सत्ता का नशा है वो उतरा नहीं तभी मंदबुद्धि कहता है कि मेरे दादी के सामने चायवाला 50 पर्सेंट भी नहीं.. इनके चाटुकार खुलेआम कहते हैं कि लाल चौक पर जाने में फटती थी.! चाय वाले में जिगरा था लाल चौक पर झंडा गाड़ आया जहां तेरे चाटुकारो की फटती थी जाने में।

सदन चले या न चले पर सैनिक का ऑपरेशन नहीं रुकता है । सदन चलने में लाखों करोड़ों रुपया बहता है पानी की तरह पर ऑपरेशन में सैनिक का खून बहता है।
ऑपरेशन नहीं रुकता अंजाम तक पहुंचने तक। सदन स्थगित हो जाता है बिना कोई चर्चा के महीनों तक और दो कौड़ी का नेता कहता है कि ऑपरेशन कल ही क्यों हुआ?
 कश्मीर का ऑपरेशन है रामपुर का भैंसा खोजों अभियान नहीं। गिड़गिड़ाते रहो।
चीन बड़ा दुश्मन है अपने बाप की तरह दोहराते रहो। 

नहीं मतलब कि थोड़ी भी शर्म है तो गटर के चुल्लू भर पानी में डूबे मरो।

सब साबित करने में लगे हैं कि "हमारे वाले नेता (महिला-पुरूष सभी) ने सामने वाले को पेल दिया, हमारे नेता ने महफील लूट ली।" उधर संसद में खुद तथाकथित विपक्षी जननेता व सरकारी विश्वगुरु के नेतृत्व में उनके सांसद खुद मनोरंजन का माहौल बनाकर बैठे थे।